गर्मियों में तेज धूप और पसीने के जरिए काफी मात्रा में फ्लुइड्स बाहर निकल जाते हैं। ऐसे में अगर पर्याप्त पानी न पिया जाए तो डिहाइड्रेशन हो सकता है।
शरीर में पानी की कमी होने को डिहाइड्रेशन कहते हैं। डिहाइड्रेशन से डायरिया, लो ब्लड प्रेशर, चक्कर आना, बुखार, दस्त या उल्टी होने जैसी समस्याए हो सकती है।
डिहाइड्रेशन क्या है?
पानी पीने की आदत न होने के अलावा तेज गर्मी, बुखार, उल्टी, दस्त या मौसम से बहुत अधिक पसीना निकलता हैं। अगर इसकी भरपाई समय पर न हो तो भी डिहाइड्रेशन हो सकता है।
डिहाइड्रेशन का कारण
डिहाइड्रेशन के सबसे आम लक्षणों में बार-बार प्यास लगना, मुंह सूखना, कम मात्रा में पेशाब आना और यूरिन का रंग गहरा पीला होना शामिल है।
डिहाइड्रेशन के संकेत
डिहाइड्रेशन का इलाज पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और ORS लेना शामिल है। ORS में पानी, नमक और ग्लूकोज का संतुलित मिश्रण होता है, जो शरीर में खोए हुए इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करता है।
डिहाइड्रेशन का इलाज
डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए प्यास लगने तक इंतजार न करें, बल्कि दिनभर थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहें। साथ ही पानी से भरपूर फलों और सब्जियों का सेवन करें।
डिहाइड्रेशन से बचाव के तरीके
पानी शरीर के तापमान को कंट्रोल करने में मदद करता है। यह यूरिन और पसीने के जरिए शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
शरीर में पानी का काम
शरीर में लगभग 60-70% तक पानी होता है, ब्रेन और लिवर में पानी की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। हड्डियों और दांतों में सबसे कम होता है।
शरीर के हर हिस्से में होता पानी
महिलाओं को प्रतिदिन लगभग 2.7 लीटर और पुरुषों को लगभग 3.7 लीटर पानी पीना चाहिए। हालांकि यह मात्रा व्यक्ति के वजन, हेल्थ कंडीशन और वातावरण के अनुसार बदल सकती है।
किस उम्र के व्यक्ति को कितने पानी की होती है जरूरत