एयर इंडिया ने अपने सभी बोइंग 787 और बोइंग 737 विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच (FCS) के लॉकिंग मैकेनिज़्म की एहतियातन जांच पूरी कर ली है। इस जांच के दौरान, एयरलाइन को किसी भी एयरक्राफ्ट में लॉकिंग मैकेनिज़्म में कोई खामी नहीं मिली।
एयर इंडिया ने एक बयान में कहा, “12 जुलाई से एयर इंडिया ने स्वैच्छिक निरीक्षण शुरू किया था और इसे DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया गया है। इस बारे में नियामक को सूचित भी कर दिया गया है।”
AAIB की शुरुआती रिपोर्ट में क्या सामने आया?
इस महीने की शुरुआत में, विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने 12 जून को अहमदाबाद में हुई एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171 की दुखद दुर्घटना पर अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन बंद हो गए थे।
जांच में यह पाया गया कि फ्यूल कटऑफ स्विच को ‘RUN’ स्थिति से ‘CUTOFF’ में एक-एक सेकंड के अंतर से बदला गया था, जिससे दोनों इंजन पूरी तरह से बंद हो गए।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) डेटा से पायलटों के बीच हुई जो बातचीत सामने आई, वो चौंकाने वाली थी। एक पायलट ने पूछा, “तुमने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?” तो दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने नहीं किया।” इससे साफ होता है कि या तो फ्यूल स्विच के संचालन में या तो भ्रम था या तकनीकी खराबी हुई थी।
जब दोनों इंजन बंद हो गए, तो आपातकालीन स्थिति में आटोमेटिक रैम एयर टरबाइन (RAT) सक्रिय हो गई, जो विमान को न्यूनतम हाइड्रोलिक पावर देती है। उड़ान के दौरान RAT के एक्टिव होने की पुष्टि भी CCTV फुटेज से भी हुई।
फ्यूल स्विच कटऑफ होने के बाद पायलटों ने उड़ान के दौरान ही इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश भी की। इससे इसमें एक इंजन ने कुछ समय तक प्रतिक्रिया दी, लेकिन इंजन 2 पूरी तरह से ही फेल हो गया। इसके बाद विमान केवल 32 सेकंड तक ही हवा में रहा, फिर रनवे से सिर्फ 0.9 नॉटिकल मील दूर एक हॉस्टल से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह दुर्घटनाग्रस्त विमान GEnx-1B इंजन से लैस था।
12 जून को आखिर क्या हुआ था?
लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 ने 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी। टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही यह फ्लाइट दुर्घटनाग्रस्त हो गई। एयर इंडिया का यह विमान BJ मेडिकल कॉलेज के परिसर में बने हॉस्टल से टकरा गया और आग का गोला बन गया, क्योंकि विमान में लंबी दूरी की उड़ान के लिए भारी मात्रा में ईंधन भरा गया था।
इस दर्दनाक हादसे में यात्रियों, क्रू मेंबर और जमीं पर मौजूद 275 से अधिक लोग मारे गए।
दुर्घटना के समय विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 12 क्रू मेंबर भी शामिल थे। इस हादसे में केवल एक यात्री ही जीवित बच पाया।
इस फ्लाइट की कमान कैप्टन सुमीत सभरवाल के हाथों में थी, जो एक अनुभवी लाइन ट्रेनिंग कैप्टन थे और उनके पास 8,200 घंटे की उड़ान का अनुभव था। उनके साथ फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर थे, जिनके पास भी 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था।