यूपीआई से पेमेंट करने वाले करोड़ों लोगों के लिए अगस्त से एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। दरअसल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई ने इस महीने एक सर्कुलर जारी करके नई गाइडलाइंस लागू करने का फैसला किया है। इसके बाद लोंस और ओवरड्रॉप फैसिलिटी को सीधे यूपीआई से जोड़ा जा सकेगा। एफडी, गोल्ड, प्रॉपर्टी, शेयर और बॉन्ड के जरिए लिए गए क्रेडिट से भी यूपीआई पेमेंट होगा। मतलब अगर आपने बिजनेस लोन लिया है तो अब उस अकाउंट को भी आप अपने PhonePe या Paytm जैसे यूपीआई ऐप से लिंक कर पाएंगे और उसी अकाउंट से पेमेंट कर पाएंगे।
अभी तक क्रेडिट लाइन का इस्तेमाल केवल मर्चेंट पेमेंट्स यानी दुकानों पर खरीदारी के लिए ही हो पाता था। लेकिन अब पर्सन टू पर्सन ट्रांजैक्शन की सुविधा भी मिलेगी। पर्सन टू स्मॉल मर्चेंट ट्रांजैक्शन भी इसी क्रेडिट लाइन से हो सकेगा। 500 से कम मंथली ट्रांजैक्शन वाले छोटे दुकानदारों को पेमेंट करना भी आसान होगा। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हर ट्रांजैक्शन बैंक की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
एनपीसीआई ने साफ कहा है कि बैंक की पॉलिसी के मुताबिक तय होगा कि पैसा किस काम के लिए इस्तेमाल हो सकता है। यूपीआई से ट्रांजैक्शन की लिमिट भी रहेगी। जैसे पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू स्मॉल मर्चेंट में ₹1 लाख की लिमिट होगी। कैश विथड्रॉल के लिए ₹10,000 की डेली लिमिट तय है।
मतलब लोन का पैसा किस काम में खर्च हो सकता है, यह बैंक तय करेगा। मिसाल के लिए अगर आपका गोल्ड लोन है तो हो सकता है बैंक आपको उससे गोल्ड खरीदने की इजाजत ना दे लेकिन अस्पताल का बिल चुकाने की मंजूरी दे सकता है। इस बदलाव के बाद किसान क्रेडिट कार्ड को भी इसमें शामिल किया गया है।
रिजर्व फॉर फ्यूचर यूज़ के तहत नए क्रेडिट प्रोडक्ट भी बाद में जोड़े जा सकते हैं। फिलहाल सिर्फ रुपए क्रेडिट कार्ड और ओवरड्राफ्ट अकाउंट ही यूपीआई से जोड़ सकते हैं। लेकिन अब यह दायरा काफी बढ़ गया है। हालांकि एक्सपर्ट्स के मुताबिक हर बैंक की अपनी पॉलिसी होगी और ग्राहक को अपने बैंक से चेक करना पड़ेगा कि उनके लोन अकाउंट को यूपीआई से लिंक करने की इजाजत मिलेगी या नहीं।
बड़ी बात यह भी है कि अब बैंक ट्रांजैक्शन को उसी काम के लिए मंजूरी देंगे जिसके लिए लोन लिया गया था। अगर बैंक को ट्रांजैक्शन संदिग्ध लगे या लोन के मकसद से अलग लगे तो ट्रांजैक्शन डिक्लाइन भी हो सकता है।