प्रदेश में भारत सीरीज BH सीरीज (बीएच) रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को आए करीब तीन साल हो चुके हैं, लेकिन अब इन्हें बेचने में वाहन मालिकों को परेशानी आ रही है । दरअसल, परिवहन विभाग के सिस्टम पर नाम ट्रांसफर का विकल्प ही उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जो लोग अपनी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी लेना चाहते हैं, वे अटके हुए हैं। अकेले इंदौर में इस सीरीज में 4 हजार से अधिक कारें रजिस्टर्ड हैं।

ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों के अनुसार, यदि कोई बीएच वाहन किसी सामान्य व्यक्ति को बेचना चाहता है, तो उसका पुराना नंबर सरेंडर कर नया नंबर जारी होता है। नए मालिक को पूरे 15 साल का टैक्स भरना पड़ता है। इस पर भी केंद्र सरकार के वाहन पोर्टल पर अभी तक बीएच सीरीज के वाहन को आम लोगों को बेचने का विकल्प उपलब्ध नहीं है। यहां तक कि पात्र व्यक्ति द्वारा पात्र व्यक्ति को ट्रांसफर करने की लिंक भी काम नहीं कर रही है।
ऐसी ही समस्या बैंककर्मी बंसत जैन को भी आ रही है। जैन का कहना है कि, अपनी कार को बेच कर नई कार लेना चाहता हूं, लेकिन सिस्टम पर कार के नाम ट्रांसफर का विकल्प ही नहीं आ रहा है।
इस बारे में जब RTO प्रदीप शर्मा से बात की तो उनका कहना है कि, इस मामले को लेकर शिकायतें आ रही हैं। ट्रांसफर विकल्प और टैक्स गणना से जुड़े मुद्दों पर मुख्यालय से चर्चा चल रही है। जल्द ही समाधान निकलेगा ।