भूपेश बघेल का बेटा जन्मदिन के दिन गिरफ्तार: पूर्व CM बोले- मोदी-शाह ने अपने मालिक को खुश करने के लिए ED को भेजा

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज उनके जन्मदिन (शुक्रवार, 18 जुलाई) के दिन गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी छत्तीसगढ़ में कथित हजारों करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई है।

यह कार्रवाई दुर्ग जिले के भिलाई स्थित बघेल निवास पर नए सिरे से की गई छापेमारी के बाद हुई। इसी घर में भूपेश बघेल अपने पुत्र चैतन्य के साथ रहते हैं। ED अधिकारियों ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, मार्च में हुई पिछली छापेमारी के बाद उन्हें कुछ नई जानकारियाँ मिली थीं, जिनके आधार पर यह कार्रवाई की गई।

बघेल का आरोप – ‘अडानी कनेक्शन’

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को राजनीतिक साज़िश बताया। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह छापा जानबूझकर इस समय डाला गया ताकि वे विधानसभा में एक संवेदनशील मुद्दा न उठा सकें।
उनके कार्यालय द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की गई एक पोस्ट में लिखा गया:

“आज विधानसभा के मानसून सत्र का आख़िरी दिन है। तमनार में अडानी के लिए पेड़ों की कटाई का मुद्दा आज सदन में उठाया जाना था। साहब ने ED को भिलाई निवास भेज दिया है।”

एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा:

“मोदी और शाह जी जिस तरह का जन्मदिन का तोहफ़ा देते हैं, दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में कोई और नहीं दे सकता। मेरे जन्मदिन पर, दोनों सम्मानित नेताओं ने मेरे सलाहकार और दो ओएसडी के घर ईडी भेजा। और अब, मेरे बेटे चैतन्य के जन्मदिन पर, ईडी की एक टीम मेरे घर पर छापा मार रही है। इन तोहफ़ों के लिए शुक्रिया। ये ज़िंदगी भर याद रहेंगे।”

क्या है तमनार में चल रहा विवाद 

बघेल का इशारा रायगढ़ जिले के तमनार तहसील में चल रहे विवादित कोयला खनन परियोजना की तरफ था, जहाँ स्थानीय ग्रामीण बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं। यह कोयला ब्लॉक महाजेनको (MAHAGENCO) को आवंटित किया गया है, जिसने अडानी समूह को माइन डेवलपर और ऑपरेटर नियुक्त किया है। इस महीने की शुरुआत में, बघेल ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया था, जिससे यह मुद्दा और गर्म हो गया।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला

ED की जांच के मुताबिक, यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, उस समय राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली भूपेश बघेल सरकार थी। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने 2024 में ईडी की पहली शिकायत को खारिज कर दिया था, जो मूल रूप से आयकर विभाग की एक रिपोर्ट पर आधारित थी। 

बाद में ED ने राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW)/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) से कहा कि वे उनके द्वारा दिए गए दस्तावेजों के आधार पर एक नई FIR दर्ज करें।

EOW ने जनवरी 2024 में एक नई FIR दर्ज की, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड सहित 70 व्यक्तियों और कंपनियों के नाम शामिल थे।

ED ने अदालत में पहले बताया था कि इस घोटाले में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी हुई है। वहीं, EOW ने हालिया रिपोर्ट में इस आंकड़े को बढ़ाकर 3,200 करोड़ रुपये बताया है, जो राज्य के खजाने को हुआ कुल अनुमानित नुकसान है।

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About Author

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वर्ष 2007 में जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने जबलपुर में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान में लम्बे समय तक कार्य किया। वर्तमान में मैं न्यूज़ मध्य प्रदेश डिजिटल की इंदौर कार्यालय में बतौर सीनियर सब-एडिटर कार्यरत हूं।