चीफ इलेक्शन कमिश्नर (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को विपक्ष पर बड़ा हमला बोला। सीईसी ने नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्षी पार्टियों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सिर्फ पीपीटी दिखाने से, जिसमें आंकड़े चुनाव आयोग के नहीं हैं, झूठ सच नहीं हो जाता । आपको सबूत देना होगा ।
उन्होंने बिना नाम लिए राहुल गांधी को चेतावनी दी कि हलफनामा दें या देश से माफी मांगें ? तीसरा कोई रास्ता नहीं है । उन्होंने यह भी कहा कि 7 दिन में हलफनामा नहीं दिया तो आरोप निराधार मान लिए जाएंगे। दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 7 अगस्त को चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि वोट चोरी हो रहे हैं।
यह भी कहा सीईसी ने
■ चुनाव आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं, सब बराबर ।
■ इलेक्शन कमीशन के कंधे पर बंदूक रखकर राजनीति हो रही है ।
■ आरोप लगाने वाले को सबूत तो देना पड़ता है ।
■ वोट चोरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना गलत ।
■ जनता को गुमराह करना देश के संविधान का अपमान ।
■ वोटर लिस्ट में गलतियों की जानकारी पॉलिटिकल पार्टियां दें ।
■ झूठे आरोपों से चुनाव आयोग डरता नहीं है ।
राहुल के आरोप, ईसी के जवाब
एसआईआर में जल्दबाजी क्यों?
यह काम 24 जून से शुरू हुआ था और पूरी प्रक्रिया लगभग 20 जुलाई तक पूरी कर ली गई।
कई वोटर का एड्रेस 0 क्यों?
पंचायत क्षेत्रों, नई बसी और अवैध कॉलोनियों में घरों को नंबर नहीं मिले हैं। ऐसी स्थिति में तकनीकी रूप से उनका पता जीरो नंबर दिखाया जाता है ।
एक आदमी की 2 EPIC आईडी कैसे?
अलग-अलग राज्यों के दो व्यक्तियों का ईपीआईसी नंबर एक जैसा निकल आता है। मार्च 2025 में ऐसे करीब तीन लाख मामले पाए गए थे, जिन्हें दुरुस्त कर दिया ।
ऑनलाइन वोटर लिस्ट क्यों नहीं?
मशीन-रीडेबल मतदाता सूची पर रोक है और यह फैसला 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था।
बिहार में राहुल- तेजस्वी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ शुरू
EC ने ज़िंदा लोगों को मरा हुआ घोषित कर दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 17, 2025
EC ने उन लोगों को भी वोटर लिस्ट से हटा दिया जिन्होंने अभी लोकसभा चुनाव में वोट डाला था।
EC ने एक बार फिर डिजिटल, मशीन-रीडेबल वोटर रोल देने से इनकार कर दिया।
EC अब CCTV फुटेज न देने के लिए बहाने पर बहाना बना रही है।
पहले वोट चोरी… pic.twitter.com/OjXy64cyPu
दूसरी ओर, बिहार में एसआईआर के खिलाफ राहुल-तेजस्वी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ सासाराम से शुरू हुई। इस दौरान राहुल बोले, जब हमने प्रेस कॉन्फ्रेंस में वोट चोरी की बात की तो चुनाव आयोग ने हलफनामा मांगा । भाजपा से हलफनामा नहीं मांगा गया ।
“सबूतों के बावजूद चुनाव आयोग के दावे हास्यास्पद हैं। सीईसी ने राहुल गांधी द्वारा उठाए गए किसी भी तीखे सवाल का सार्थक जवाब नहीं दिया।”
– जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव
“चुनाव आयोग को सुधार ही नहीं, आमूलचूल परिवर्तन की अपरिहार्यता है । जब चुनाव आयोग सही रास्ते पर चल निकलेगा तो करोड़ों भारतवासियों का साथ उनका रक्षा कवच बन जाएगा ।”
– अखिलेश यादव, सपा सांसद