उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में एक विवादास्पद घटना सामने आई है। इंदौर-1 से BJP विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने मंदिर के नियमों का उल्लंघन करते हुए जबरन गर्भगृह में प्रवेश किया। इस दौरान एक मंदिर कर्मचारी द्वारा रोके जाने पर रुद्राक्ष शुक्ला ने उसे धमकाया भी। यह घटना इसलिए भी चिंता बढाती है क्युकी आम श्रद्धालुओं को कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है।
रुद्राक्ष ने किया जबरन गर्भगृह में प्रवेश
इंदौर से भाजपा विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने बिना अनुमति के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश कर किया। इस दौरान मंदिर कर्मचारी आशीष दुबे ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो रुद्राक्ष ने उन्हें कथित तौर पर धमकाया। इस दौरान रुद्राक्ष के पिता और बीजेपी एमएलए गोलू शुक्ला भी वहां मौजूद थे। इसके बाद दोनों पिता-पुत्र लगभग पाँच मिनट तक गर्भगृह में रहे और पूजा-अर्चना की।
भस्म आरती के बाद पहुंचे थे मंदिर
गोलू शुक्ला की कांवड़ यात्रा रविवार रात को उज्जैन पहुंची थी। सोमवार तड़के करीब 2:30 बजे, जब भस्म आरती के लिए मंदिर के द्वार खुले, तो वे गोलू शुक्ला अपने समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे। इस दौरान उनका बेटा रुद्राक्ष भी उनके साथ ही था।
अनुमति केवल गोलू शुक्ला को मिली थी
मंदिर प्रशासन के अनुसार, गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति केवल विधायक गोलू शुक्ला को दी गई थी। इसके बावजूद, रुद्राक्ष ने नियमों की अनदेखी करते हुए अंदर प्रवेश किया, मंदिर के कर्मचारी भी इस उल्लंघन से हैरान थे।
विधायक ने दी सफाई: हमारे पास अनुमति थी
विधायक गोलू शुक्ला ने इस पूरी घटना पर सफाई देते हुए कहा, “हमारे पास पूरी तरह से अनुमति थी। हम बिना अनुमति के कुछ नहीं करते। कलेक्टर और मंदिर प्रशासन की ओर से पाँच लोगों के प्रवेश की मंजूरी दी गई थी, जिसमें मैं भी शामिल था।” उन्होंने आगे कहा कि जब एक कर्मचारी ने उन्हें रोका तो मामूली कहासुनी हुई थी।
लाइव प्रसारण हुआ बाधित
महाकाल मंदिर में दर्शन का सीधा प्रसारण (Live Streaming) भी किया जाता है। सावन के दूसरे सोमवार को, भस्म आरती से ठीक पहले, यूट्यूब पर लगभग एक मिनट तक स्क्रीन ब्लैंक (सफेद) रही। इस प्रसारण में आई रुकावट पर अब कई सवाल उठाए जा रहे हैं।
आम भक्तों को लंबी कतारों में करना पड़ता है इंतजार
सावन के महीने में, आम भक्त डेढ़ किलोमीटर तक लंबी कतारों में प्रतीक्षा करते हैं। उन्हें केवल 200 फीट की दूरी से ही दर्शन की अनुमति होती है। इसके विपरीत, वीआईपी लोग गर्भगृह में प्रवेश करते हुए देखे जाते हैं, जो अन्य सभी के लिए लागू नियमों का उल्लंघन करते हैं।
सावन माह के दौरान आम भक्तों को लगभग 1.5 किलोमीटर लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ता है। इसके अलावा आप भक्तो को केवल 200 फीट की दूरी से ही दर्शन की अनुमति मिलती है। वहीं, वीआईपी लोग को नियम तोड़ते हुए गर्भगृह तक प्रवेश कर जाते है।
रुद्राक्ष ने पहले भी नियम तोड़े है

विवादों से रुद्राक्ष शुक्ला का पुराना नाता रहा है। यह पहली बार नहीं है जब रुद्राक्ष ने मंदिर के नियमों का उल्लंघन किया हो। चार साल पहले, सावन 2021 में भी रुद्राक्ष शुक्ला ने बिना अनुमति के गर्भगृह में प्रवेश किया था और गर्भगृह की तस्वीरें क्लिक कर फेसबुक पर पोस्ट की थीं। उस समय, वह दोस्तों के साथ मंदिर गया था।
देवास में रात को खुलवाया मंदिर
तीन महीने पहले भी विधायक गोलू शुक्ला का बेटा रुद्राक्ष अपने कारों के काफिले के साथ आधी रात को देवास स्थित माता टेकरी मंदिर पहुंचा। काफिले में करीब दर्जन भर गाड़ियाँ थीं, जिनमें से एक पर लाल बत्ती और सायरन भी लगा था। बाद में देवास पुलिस ने CCTV फुटेज के जरिए उस गाड़ी की पहचान की थी।

मंदिर बंद होने के बावजूद, रुद्राक्ष और उनके साथियों ने पुजारी से मंदिर के दरवाज़े खोलने की मांग की थी। इस दौरान रुद्राक्ष और उसके दोस्तों का मंदिर के पुजारी से काफी विवाद भी हुआ था।
गर्भगृह में प्रवेश को लेकर है सख्त नियम
महाकाल मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश को लेकर सख्त नियम हैं। केवल पुजारियों को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति है। यहां तक कि वीआईपी लोगों को भी नंदीजी की मूर्ति के पास से ही पूजा करनी होती है। ये नियम भगवान महाकाल की मूर्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।