ऑपरेशन केलर: शोपियां में भारतीय सेना ने 3 आतंकियों को किया ढेर, TRF को बड़ा झटका

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ऑपरेशन केलर

13 मई 2025 को, भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट को एक खुफिया सूचना प्राप्त हुई, जिसमें शोपियां के शोएकल केलर क्षेत्र में आतंकवादियों मौजूद होने की जानकारी दी गई थी। इसी सुचना के आधार पर सेना ने सर्च अभियान (Search and Destroy) “ऑपरेशन केलर” शुरू किया।

इसी सर्च अभियान के दौरान आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। सुरक्षा बालो की और से हुई इस गोलीबारी में तीन कुख्यात आतंकवादी मारे गए, जिसकी पुष्टि भारतीय सेना ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर भी पोस्ट की है। 

ऑपरेशन ‘केलर’ की खास बातें

इस ऑपरेशन की शुरुआत शोपियां के अल्शीपोरा क्षेत्र में आतंकवादियों की मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद की गई थी।यह एक संयुक्त अभियान था, जिसमें भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) शामिल थे। यह मुठभेड़ कई घंटों तक चली और अंततः इस ऑपरेशन में तीन आतंकियों को मार गिराया गया।

शाहिद कुट्टे का खात्मा: आतंक के नेटवर्क को बड़ा झटका

इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकियों में शाहिद कुट्टे भी शामिल है। शहीद कुट्टे ही पहलगाम आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। भारतीय एजेंसियों को वह शाहिद कुट्टे की लंबे समय से तलाश थी। अब उसकी मौत को TRF (The Resistance Front) के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। TRF, पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का ही एक सहयोगी संगठन है।

क्षेत्र में सुरक्षा कड़ी, तलाशी अभियान जारी

सुरक्षा बलों ने इस पूरे क्षेत्र को घेर रखा है और अन्य छुपे हुए आतंकवादियों की तलाश में सर्च अभियान जोरो से चल रहा है।
इसके साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है ताकि किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई या हिंसा पर नियंत्रण पाया जा सके।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक और बड़ी सफलता

यह ऑपरेशन भारत के लिए “ऑपरेशन सिंदूर” के आतंक के विरुद्ध एक बाद एक और बड़ी कामयाबी है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सटीक एयरस्ट्राइक की गई थी, जिसमें लगभग 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया था। इनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय और मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षण केंद्र के आतंकी भी शामिल थे।

ऑपरेशन केलर की सफलता भारत की सुरक्षा एजेंसियों और सुरक्षा बालो की काबिलियत तो दिखाती ही है, साथ ही यह भी साबित करती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है।

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Team Netdunia