वोडाफोन आइडिया के शेयर में गिरावट जारी, सुप्रीम कोर्ट ने AGR बकाया माफ़ करने की याचिका की थी ख़ारिज

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वोडाफोन आइडिया (VI) के शेयर की कीमत में लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी गिरावट देखने को मिली। गिरावट के पीछे बड़ी वजह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है जिसमे वोडाफोन आइडिया की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार से टेलीकॉम AGR (समायोजित सकल राजस्व) बकाया ₹30,000 करोड़ माफ़ कराने के लिए अदालत में याचिका दायर की गई थी।

मंगलवार के कारोबारी सत्र में वोडाफोन आइडिया का शेयर 1.34 प्रतिशत से ज़्यादा गिरकर ₹6.63 प्रति शेयर पर आ गया। देश के प्रमुख टेलीकॉम ऑपरेटर का यह स्टॉक सोमवार के सत्र में भी 12 प्रतिशत से अधिक टूट चुका था।

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टेलीकॉम ऑपरेटरों की समायोजित सकल राजस्व (AGR) बकाया में ब्याज और जुर्माने को माफ़ करने की मांग की याचिका खारिज कर दी है। सर्वोच्च न्यायलय के इस फैसले से सबसे बड़ा झटका वोडाफोन आइडिया को लगा है। अब कंपनी के अस्तित्व पर सवालिया निशान है।

वोडाफोन आइडिया ने सुप्रीम कोर्ट में दी गई अपनी याचिका में कहा था कि बिना किसी वित्तीय सहायता के अब कम्पनी अपना संचालन जारी नहीं रख पाएगी। कंपनी पर फिलहाल ₹1.7 लाख करोड़ का कर्ज है, जिसमें से ₹83,000 करोड़ की राशि केवल AGR बकाया है। एक स्थगित भुगतान योजना के तहत, कंपनी को वित्त वर्ष 2025-26 से हर साल ₹18,000 करोड़ का AGR भुगतान करना है, जो कि उसकी वर्तमान ऑपरेटिंग कैश ₹9,200 करोड़ से लगभग दोगुना है।

बैंक पहले ही कंपनी को नया कर्ज देने से मना कर चुके हैं और सरकार ने भी अपनी और से स्पष्ट कर दिया है कि ₹36,950 करोड़ के कर्ज को इक्विटी में बदलने के बाद वह अब कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता वोडाफोन आइडिया को नहीं देगी।
न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की खंडपीठ ने आज याचिका को “ग़लतफहमी पर आधारित” बताते हुए खारिज कर दिया।

खंडपीठ ने वोडाफोन आइडिया की ओर से याचिकाकर्ता वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी से कहा, “हम इन याचिकाओं को देखकर वाकई हैरान हैं। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती। हम इसे खारिज करते हैं।”
हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर सरकार इन कंपनियों को कोई राहत देना चाहती है, तो अदालत को इससे कोई आपत्ति नहीं होगी। न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, “अगर सरकार आपकी मदद करना चाहती है, तो हम उसके रास्ते में नहीं आएंगे।”

टेलीकॉम ऑपरेटरों की इन याचिकाओं के अनुसार, भारती एयरटेल और भारती हेक्साकॉम ने ₹34,745 करोड़ की AGR बकाया राशि माफ़ करने की मांग की थी, जबकि वोडाफोन आइडिया ने ₹45,457 करोड़ की छूट मांगी थी।

रोहतगी ने पहले कहा था कि याचिकाकर्ता कंपनियों का अस्तित्व बनाए रखना टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में ब्याज को इक्विटी में बदलने के बाद अब केंद्र सरकार की कंपनी में 49% हिस्सेदारी हो गई है।

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