हवाला के जरिए पैसा ट्रांसफर कर दो.. हवाला के जरिए इतना माल उठा लेना। हवाला क्या होता है?
यह शब्द ‘हवाला’ हो सकता है आपने बहुत बार सुना हो। कभी किसी न्यूज़ में तो कभी किसी फिल्मों में कारोबारी दुनिया में। यह नाम काफी फेमस है। रुपए को दुनिया के एक हिस्से से दूसरी जगह ट्रांसफर करना और वह भी बगैर उसे हिलाए। इसके लिए ना तो बैंक की जरूरत है ना किसी करेंसी एक्सचेंज की ना ही कोई फॉर्म भरने की और ना ही किसी को फीस देने की। इस काम को करता है हवाला।
क्या लीगल है हवाला?
अक्सर बड़े-बड़े धंधों में इस शब्द का इस्तेमाल पैसे को एक जगह से दूसरी जगह ट्रांसफर करने के लिए होता है। हालांकि ये कोई लीगल तरीका नहीं है पैसे को ट्रांसफर करने का लेकिन सरकारी झमेलों से बचने के लिए इसका इस्तेमाल बहुत लंबे समय से होता चले आ रहा है।
लेकिन हवाला होता क्या है? कैसे काम करता है हवाला ट्रेडिंग का धंधा? हम आपको इसी बात को समझाने की कोशिश करते हैं।
हवाला क्या होता है?
‘हवाला’ अगर आप सिर्फ इस शब्द को देखें तो इसका मतलब होता है किसी बात या किसी व्यक्ति पर भरोसा करना। बस हवाला कारोबार की नीव इसी भरोसे पर टिकी है। पैसे के लेनदेन का यह तरीका कई सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है। सिर्फ भरोसे के बल पर चलने वाला यह कारोबार करोड़ों अरबों रुपए के लेनदेन को बहुत तेजी से और बिना किसी झोलझाल के निपटा देता है। दुनिया भर में सरकारों और एजेंसियों की नजर से बचने के लिए हवाला के माध्यम से मनी का ट्रांसफर होता है। अब आप हवाला कारोबार के इतिहास को देखेंगे तो कहानी हजारों साल पीछे चली जाएगी।
कैसे शुरू हुआ हवाला?
एक दौर था जब चीन से लेकर अरब और यूरोपीय देश तक सिल्क रूट से व्यापार होता था। भारत भी इसी रास्ते से व्यापार करता था। उस दौर में ऊंटों पर सवार होकर व्यापारी एक स्थान से दूसरे स्थान जाया करते थे। रास्ते में उन्हें चोर डाकू का सामना भी करना पड़ता था और उन्हें लूट लिया जाता था।
इसमें अक्सर उन्हें पैसों का नुकसान उठाना पड़ता था। अपने पैसों की सुरक्षा के लिए लिए ही उस दौर में हवाला कारोबार का जन्म हुआ था।
कैसे चलता है हवाला नेटवर्क?
अब आखिर यह कारोबार चलता कैसे है? यह समझते हैं। यह कारोबार पूरी तरह से भरोसे के एजेंट्स और उनके नेटवर्क पर काम करता है। मानकर चलिए आपको दिल्ली से करीब ₹10 करोड़ कैश में चेन्नई पहुंचाने हैं। इसे बैंक से ट्रांसफर करने पर आपको बहुत से चार्ज देने होंगे। साथ ही एजेंसियों के सवाल अलग से। कहां से आया इतना पैसा कैसे? कमाया कैसे? वगैरह वगैरह।
ऐसे में आप इसे हवाला कारोबारी को देंगे जिसका नेटवर्क चेन्नई में एक एजेंट के साथ फैला हुआ है। आप ₹10 करोड़ की रकम दिल्ली के एक एजेंट को देंगे वो बदले में वो आपको एक कोड देगा। यही कोड आपके पासवर्ड का काम करेगा। जैसे ही यह कोड चेन्नई में बैठे एजेंट को मिलेगा, वह आपको या आपके किसी भी बंदे को बिना किसी सवाल जवाब के ₹10 करोड़ रपए थमा देगा।
बस हो गया पैसा ट्रांसफर हो गया बिना किसी झमेले के। यही है हवाला कारोबार, इस कारोबार में हर लाख रुपए के ट्रांजैक्शन पर एजेंट्स कुछ चार्ज वसूलते हैं। यही ही उनकी कमाई का जरिया है।
हवाला में लेनदेन कैसे होता है?
अब आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे पॉसिबल है? इतनी बड़ी रकम इधर से उधर इतनी फास्ट तरीके से कैसे मिल सकती है? दिल्ली से चेन्नई पैसा गया कैसे?
असल में ये लेनदेन पूरी तरह भरोसे पर हुआ है दिल्ली से पैसा कभी चेन्नई ट्रांसफर नहीं होगा ना ही चेन्नई से कभी पैसा मांगने की रिक्वेस्ट की जाएगी। लेकिन जब चेन्नई वाले एजेंट को जरूरत पड़ेगी तब वे दिल्ली वाले एजेंट से इसी कनेक्शन का इस्तेमाल करके दिल्ली में रकम को डिलीवरी करवा देगा। ज्यादातर गैर कानूनी कामों में रुपए डॉलर या फिर दिरहम में लेनदेन इसी तरह से होता है। इसमें रकम भेजने वाले और पाने वाले की ट्रेसिंग करना लगभग नामुमकिन है।