जानिए कौन है रुचिका शर्मा? जिन्होंने NCERT के खिलाफ आरटीआई लगाने की बात कही है 

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मध्यकालीन भारत पर लिखने वाली इतिहासकार डॉ. रुचिका शर्मा ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानि एनसीईआरटी (NCERT) के खिलाफ सूचना का अधिकार (आरटीआई) दायर करने को लेकर बयान देने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है।

डॉ. रुचिका शर्मा ने हाल ही में एक टीवी डिबेट में यह कहा था कि वे NCERT के खिलाफ एक सूचना का अधिकार (RTI) दाखिल करेंगी।

टीवी डिबेट के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि NCERT ने इतिहास की पाठ्य पुस्तकों में किए गए हालिया बदलावों में मुगल काल जैसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दौर को जानबूझकर नकारात्मक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। शर्मा का कहना है कि बिना किसी पर्याप्त रिसर्च या ऐतिहासिक साक्ष्यों के NCERT ने यह बदलाव किया है। यह बात उन्होंने आज तक चैनल की एक डिबेट शो में कही।

डॉ. शर्मा का मानना है कि किसी भी ऐतिहासिक काल को “अंधकार युग” कहना पूरी तरह से अनुचित है। उन्होंने कुछ तथ्यों को लेकर पुस्तकों में की गई गलतियों की ओर भी इशारा किया। साथ ही यह भी आरोप लगाया कि विभिन्न शासकों के मूल्यांकन में दोहरा मापदंड भी अपनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा,

“हालिया बदलावों को लेकर मेरी दो बड़ी आपत्तियाँ हैं। पहली, बहुत सी चीजें जो किताबों में लिखी गई हैं, पूरी तरह से झूठ है, और मैं इसे साबित करने के लिए तथ्य प्रस्तुत कर सकती हूँ। दूसरी, कई जगहों पर इतिहास को अधूरा दिखाया गया है।”

डॉ. शर्मा ने NCERT द्वारा मध्यकालीन भारत के कुछ शासकों, जिनमें अकबर भी शामिल था, के शासनकाल में गैर-मुसलमानों द्वारा चुकाए जाने वाले संरक्षण कर के संदर्भ में भी आपत्ति जताई।

डॉ. शर्मा ने कहा:


“चूँकि जजिया के विषय पर व्यापक रूप से चर्चा हो रही है, इसलिए मैं स्पष्ट कर दूँ कि यह विचार कि अकबर ने अपना शासन स्थापित करने के बाद ही जजिया समाप्त किया, पूरी तरह से गलत है। अकबर का शासनकाल 1560 में शुरू हुआ और उसने 1562 में जजिया समाप्त कर दिया। उस समय, वह अभी भी एक बहुत ही युवा शासक था और उसने अभी तक अपने साम्राज्य को मजबूत नहीं किया था। इसके बावजूद, उसने अपने शासनकाल के आरंभ में ही यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस कदम का स्पष्ट उल्लेख आइन-ए-अकबरी में किया गया है, जहाँ कहा गया है कि जजिया धार्मिक भेदभाव पर आधारित एक कर था, और इसलिए इसे समाप्त करना आवश्यक था। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य है, लेकिन एनसीईआरटी इसे नहीं पढ़ा रहा है,”

“एक और झूठ यह फैलाया जा रहा है कि जज़िया इसलिए लगाया गया था ताकि गैर-मुस्लिमों पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डाला जा सके और वे टैक्स से बच सकें। अगर NCERT इस दावे को कर रहा है, तो मैं RTI दाखिल करना चाहती हूं, इसका स्रोत जानना चाहूँगी। क्या कोई ऐतिहासिक रिकॉर्ड है जो यह कहता है कि जज़िया का मकसद धर्मांतरण को बढ़ावा देना था?”

छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी और BJP की प्रतिक्रिया

डॉ. शर्मा ने एक बयान में छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर भी एक दावा किया, जिसे भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उनके दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं है।

भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने X (पहले ट्विटर) पर लिखा:

“छत्रपति शिवाजी महाराज की तुलना मुग़ल अत्याचारियों से करना न सिर्फ़ ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना है, बल्कि यह राष्ट्र का अपमान भी है। इस बात का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है कि शिवाजी महाराज ने मैसूर के राजा चिक्का देवराज वोडेयार (1673–1704) पर हमला किया या लूटपाट की।”

रुचिका शर्मा कौन हैं?

रुचिका शर्मा मध्यकालीन भारतीय इतिहास की विशेषज्ञ हैं और उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से इतिहास में पीएचडी की की है। वह अक्सर इतिहास के इतिहास की प्रस्तुति को लेकर चल रही राष्ट्रीय बहसों में भाग लेती हैं।

उनका यूट्यूब चैनल “Eyeshadow & Etihaas” भी काफ़ी लोकप्रिय है, जिसमें वे मेकअप ट्यूटोरियल्स को ऐतिहासिक तथ्यों और मिथकों के विश्लेषण के साथ जोड़कर कलात्मक रूप से पेश करती हैं।

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About Author

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वर्ष 2007 में जबलपुर रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में पोस्‍ट ग्रैजुएट डिप्‍लोमा किया है। अध्‍ययन के बाद मैंने जबलपुर में एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थान में लम्बे समय तक कार्य किया। वर्तमान में मैं न्यूज़ मध्य प्रदेश डिजिटल की इंदौर कार्यालय में बतौर सीनियर सब-एडिटर कार्यरत हूं।